नवरात्रि

मेरा नाम संजय है मैं आप को बताता हू की कैसे मैं संजय से संजना बना। मेरी उम्र 24 है मेरी फैमिली मैं मेरे मम्मी पापा,  2बड़ी बहन जिन्का नाम सोनिया और रूबी है। वो दोनो अपनी स्टडी पूरी कर चुकी है और फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही थी मैं अभी कॉलेज मैं बी.कॉम कर रहा हू। और पापा का ट्रांसपोर्ट का बिजनेस था जिस के कारण वो घर से बाहर ही रहते थे मम्मी हाउस वाइफ है। अब मैं अपनी कहानी पर आता हूं। हमारे घर मैं नवरात्रि  की पूजा चल रही थी। मेरी माँ ने बोला की आज के दिन हम सब व्रत करेंगे एक साथ और संजय तुम भी। मैंने बोला की मैं क्यों वो बोली मैं तुम्हारी बड़ी बहन की शादी के लिए मन्न्त मांगी है और तुम ये 9 दिनो तक लड़कियो के कपड़े ही पहनॉगे। मैंने मना किया लड़की वाले कपड़े पहनने से। वो बोली ये एक स्पेसल पूजा है अगर तुम्हारे पापा यहा होते तो वो भी इसे पुरा करते। पापा का फोन आया उन्होन भी मुझे ऐसा करने को कहा और मुझे मानना पडा। अगले दिन मेरी दोनो दीदी ने मुझे जल्दी उठा दिया और बोली संजना जल्दी उठो गर्ल इतनी देर तक नहीं सोती है मैं हैरान हो कर उठा और बोला गर्ली कपड़े पहनने के साथ साथ क्या नाम भी बदलना होगा। हा, तुम्हे आज से हम सनजाना बुलाएंगे।

फिर मैं उठा और वॉशरूम मैं जाने लगा तब रूबी दीदी ने मुझे एक क्रीम दी और बोली की इसे अपनी पूरी बॉडी पर लगा लेना और हा हेड और आइब्रो पर मत लगना और 30 मिनट बाद धो लेना। और मुझे पिंक पैन्टी देते हुये कहा इसे पहन कर आना।  फिर मैं बाथरूम मैं जा के क्रीम लगा ली और 30 मिनट के बाद बाथ लिया। मेरी पूरी बॉडी से हेयर निकल चुके थे बॉडी काफी सॉफ्ट हो गई थी। मेरी बॉडी 20 साल की लड़की जैसी लग रही थी। फिर मैंने पिंक पैंटी पहन लिया और बाहर आ गया मैंने देखा की मेरी दोनो बहने मेरी पैंट शर्ट पहन रखा है और अपने बालों मे कैप लगा राखी थी मैंने पुछा ये सब क्या है तुमने मेरे कपड़े क्यों पहने है वो बोली 9 दिन तक तुम लड़की बनोगे ऐसी मम्मी की मननत है। मैं तो बिल्कुल शोक हो गया पर क्या कर सकता था मम्मी की जो मननत थी। फिर सोनिया मुझे पिंक ब्रा पहनाया और उसमे  कॉटन बॉल डाल दीये जो एक ब्रेस्ट का लुक मुझे दे रही थी। फिर मेरी बहन ने मुझे एक लाल रंग का पंजाबी सलवार सूट पहना दिया वो सूट मुझे बिल्कुल फिट आ गया जैसा की वो मेरे लिए ही बना हो और मुझे मिरर के आगे ले जा कर मेरा मेकअप शुरु किया पहले मेरी आइब्रो थ्रेड की गई और कानो मैं पिन से होल कर उस मैं जुमके डाल दिए और नाक मे भी होल कर के एक पिन पहनाई गयी। मेरे सर पर लंबे बालों की विग लगा दी। रूबी दीदी मेरे गले मे काफी भारी हार पहनाने लगी तो मैं उनसे बोला की मुझे ये बहुत भारी लग रही है कोई दुसरा हल्का वाला पहनाई ये। रूबी दीदी वो हार निकाल के हल्का वाला एक चेन पहना दिया और बोली तुम्हे भारी चिज पहनने की आदत नही है लेकिन हम लड़किया भारी चीजे ही पहनते है। मैने रूबी से कहा:- अच्छा ठीक है, आप मुझे  9वी को  जैसे आपका मन करे वैसे सजा देना मैं कुछ नही बोलूंगी तब तक मुझे इस सब का आदत हो जायेगी। मैं अब एक पंजाबी लड़की लग रहा था। रूबी दीदी ने मुझे लाइट पिंक नेलपेंट हाथ पैरो की उनगलियो पर लगा दिया और पिंक चुड़िया मेरे हाथो मे पहनाई। पैरो मे पायल , बिछिया और सैंडल भी पहनाई। और मैं दुपट्टा ले कर जब रूम से भर आया तब मम्मी मुझे देख कर हैरान रह गयी और खुशी से मुझे गले लगा लिया...



माँ मुझे 9 दिनो तक कैसे रहना है समझने लगी। माँ ने मुझे जैसे जैसे समझाया था मै वैसे वैसे करने लगी। माँ के आदेश अनुसार घर मे साफ-सफाई की और गोमुत्र और गंगाजल का छिरकाव किया। उसके बाद माता जी की पूजा करने लगी। माता जी को ताजा दुध से स्नान करवाया। फिर कुमकुम, अक्षत, फूल, और अन्य सुगंधित चीज माता के चरणो मे समर्पित किये। और मिठाई का भोग लगाकर पूजा की। और दीपक जलाया। मेरे बाद मेरी माँ और दोनो बहनो ने पूजा किया। पूजा के बाद मैं थोडा सा दुध और फल खाया। मेरी दीदी ने मुझसे घर मे झाडू पोछा करवाया कपड़े धुलवाये। दुफ्हार का समय हो गया मैं अपने रुम मे जाकर सो गया। मेरी नीन्द शाम को खुली। मैं उठकर मूह हाथ धो रहा था तभी रूबी आकर कहने लगी की शाम का समय हो गया है तुम दिया जला दो। ठीक है दीदी मैं अभी आया। मैं माता जी के पास जाकर दिया जला दिया। और पूजा कर ली। खाना तो बनाना नही था क्युकी सब व्रत कर रहे थे। कुछ फल खाके  हम सब सो गये। कुछ दिनो तक ऐसा ही चलता रहा। 8वी के दिन मैने एक लाल रंग की साड़ी पहनी , जिसका  ब्लाउज़ गोल्डेन था, मेकअप किया और चुड़िया, पायल,  जेवेर्ली पहनी। कुछ दिनो मे मैने लड़कियो के तरह रहना उन्के तरह कपड़े पहनना सिख लिया था। और पूजा कर के रुम मे चली गयी। रूबी मेरे रुम मे आकर मुझसे बोली आज तुम्हे हमारे साथ पार्लोर चलना है बगल वाली चाची के घर पर। मैने कहा वहा जाना जरुरी है क्या। 



रूबी दीदी:- कल तुम्हरा लास्ट दिन है। और तुम्हारे शरीर मे कुछ छोटे छोटे बाल आ गये है। कल के लिए तुम्हे बहुत अच्छे से तैयार होना होगा। कोई कमी नही होनी चाहिये। तुम्हे कल बिल्कुल नारी के तरह दिखना है।
संजना:- ठीक है दीदी, चाची मुझे ऐसे देख कर
रूबी दीदी:- तुम चिन्ता नही करो। माँ ने उन्हे सब बता दिया है की तुम ये सब अपनी दीदी की शादी के लिए कर रहे हो।
ठीक है तो चलिए हम दोनो चाची के घर गये। चाची मुझे देखकर मुस्कुराई और बोली आओ संजना। मैं चाची के पास गयी और और उनके पैरो को छूकर प्रणाम किया। चाची मुझे ऐसा करते देख बोली अरे वाह तुम तो बिल्कुल लड़कियो के तरह  Behave कर रहे हो। क्या बात है कही तुम्हे अब जिन्दगी भार लड़की बन के तो नही रहना है। नही चाची मुझे जिन्दगी भार लड़की नही बनना। चाची मेरी वैक्सीन्ग की एयेब्रो सेट किये मेरे फ़ेस पर क्रीम लगाके कुछ देर छोर दिया और फिल धो दिया। जिससे की मेरे फ़ेस मे चमक आ गयी। मेरे नेल को साफ किया। मेरे आंख मे काजल लगया और लिपस मे लिपस्टिक। आंख के उपर गोल्डेन  रंग लगाई। मेरा मेकअप खतम हो गया। हम घर आ गये। अग्ली सुबह रूबी मुझे उठाने जल्दी आ ग्यी। मैं जल्दी से नहा से बाहर आ गया। रूबी मुझे ब्रा पहनाई। उसमे कार्टन बॉल डाले। उसने मुझे लहेंगा चोली दिखाते हुए मुझे चोली पहनाने लगी चोली के पीछे से हुक लगाये और बेक्लेस बान्ध दिये।कार्टन बॉल के कारण मेरी क्लिवेज बन गये थे। रूबी दीदी मुझे लहेंगा पहनाई और उसकी लेस को मेरे कमर पर जोर से बान्ध दिया। पल्लू को सेट किया और मेरी मकेअप शुरु की। मेरे फ़ेस मे पावडर, काजल, बिन्दी, और डार्क लिपस्टिक लगाते हुवे मेरे छेदे हुये कानो मे झुम्के और नाक मे नथ्नी पहनाई। 



मान्गटीका और गले मे हैव्य हार डाल दिया मेरे दोनो हाथो मे चुड़िया पहनाई और एक रिंग मेरे उंगलियो से होते हुए हाथ मे बान्ध दी। पायल बिछिया पहनाई। मैं तैयार होकर माता जी की पूजा की। मेरे साथ मेरी बहन और माँ थी।
मैं माता जी से प्रार्थना की:- माता रानी आप सभी के दुख हरती है। इस 9 दिनो मे मैने लड़की बनने का सुख पाया है   सिखा है की किसी लड़की की जिन्दगी आसन नही होती है। लड़के से लड़की बनने के बाद मैने आपकी 9 दिनो तक पूजा अर्चना की है दया किजीए माता रानी,  मेरी बहन की शादी जल्दी से करवा दिजीए। पूजा के बाद हम सब बैठकर प्रसाद खााने लगे। तभी माँ और बहन मुझे चिढाने लागी की मैने माता रानी के सम्ने लड़कियो जैसी भावना से प्रार्थना की। लेकिन सोनिया दीदी के आखो मे आशू आ गये और बोली धन्यवाद भाई, आपने हमारी शादी के लिए इत्ना कुछ किया। कोई बात नही सोनिया दीदी, सच काहू तो मुझे लड़कियो के बारे मे काफी कुछ पता चल गया है इन 9 दिनो मे। और मुझे अब बड़ा मज़ा आ रहा है। 
मेरी बात सून के सब हस्ने लगे। अगले दिन से मैं नोर्ल्मल जिन्दगी जीने लगा। कुछ दिनो बाद मेरी दोनो बहन के लिए रिश्ता आया और देखते देखते मेरी दोनो बहन की शादी हो गयी। 

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